रविवार, 2 अक्तूबर 2011

maa

मां जी को स्कूल से रिटायर हुए चार दिन हुए हैं । बहू रेखा को आराम हो गया है । बच्चे दादी के पास दिन भर खेलते रहते हैं । सुनो जी, मां को किसी प्राइवेट स्कूल में नौकरी ज्वाइन क्यो नहीं करवा देते, चार पैसे धर में आऐंगें , बच्चों के काम आऐंगें । अभी जवान पड़ी हैं बेकार चारपाई तोड़ेगीं । डार्लिग धर पर आराम करने के लिए मैं हंू ना, पत्नी ने गले में बाहें डाल कर कहा तो मां का लाडला जल भुन कर रह गया ।

3 टिप्‍पणियां:

  1. "संक्षिप्त सुन्दर अच्छा व्यंग्य पति की निस्सहायता (अपाहिज )होने को रूपायित करता .

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  2. "संक्षिप्त सुन्दर अच्छा व्यंग्य पति की निस्सहायता (अपाहिज )होने को रूपायित करता .

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