रविवार, 28 अक्तूबर 2012

kanv kanv






                                                            लधुकथा  
 लाश को शव वाहन में चढाने वाले मुश्किल से पांच सात ही थे ।  घर के सामने कौआ कंरंट लगने से मर गया। उसके जमीन पर गिरते ही बहूत सारे कोए आकर कांव कांव करने लगे। उनकी कांव कांव में अपनत्व  का ऋदन साफ साफ सुर्नाइ दे रहा था । मैं सोच रहा था, इंसान की संवेदनाएं  कहां मर गई , इससे तो कौए अच्छे, जो अपने साथी के मरने पर इककठे हो गए हैं।

शनिवार, 27 अक्तूबर 2012

sorry

माफ करें ब्लाग पर बहुत दिन बाद आना हुआ

haryanvi muhavre


  • गधे की आँख में घाल्या घी - वो बोल्या मेरी तै फोड़-ए दी !
  • गधे की लात अर्र बीर की जात का कोए भरोसा नही होता
  • गधी मरी पड़ी, सुणपत के भाड़े करै
  • गरीब की बहु गाम की भाभी
  • गोदी में छोरा और गांव में ढ़िंढ़ोरा
  • गोबर में डळा मारै, अर खुद छींटम-छींट
  • गाम बस्या ना, मंगते फिर गये

jimevaree


सवाल : ज़िम्मेदारी क्या होती है ?
 जवाब: अगर पैंट का हुक टूट जाएं, तो चेन पर जो आती है उसे ज़िम्मेदारी कहते हैं। 

sasu ji



मेले में दस मिनट के लिए बबलु गुम क्या हुआ मेरे होश उड़ गए । में सोच रही थी
  पिछले चार साल से बेटे बिना सासू मां गावं में  कैसे
जी रही है । अगले ही दिन हम  मां  को शहर ले आए i