गुरुवार, 27 अक्तूबर 2011

sanskar


दो बेटों की मां हूं । सौभाग्यषाली भी हूं । दोनों बेटे एक ही षहर में और वह भी पास पास,एक ही सेैक्टर में रह रहे हैं । मैं दोनों परिवारों के बीच सेतू । मन करता है तो बड़े के यहां चली जाती हूं ,फिर छोटे के पास आ जाती हूं । बहूएं दोनो नौकरी करती हैं । बच्चे घर से बाहर हैं , बड़े बेटे के तो नौकरी कर रहे हैं , छोटे के अभी पढ रहे हैं । जिस घर में चहल पहल होती है वहीं मेरा मन लगता है । दोनो परिवार इक्कठे रह रहे होते तो कितना अचछा लगता सोचती हूं तो मन गदगद हो जाता है । जाने जमाना ही बदल गया है या मुझ से कोई संस्कार देने में भूल हुई है ।




dukh

पिता के न चाहते हुए बेटे ने शादी क्या की, बाप बेटे का रिश्ता ही टूट गया ं पूरे पांच साल बाद बेटे के घर लड़का होने की खबर मिली तो पिता द्रवित । जाकर पोते को छाती से लगया , आखों से टप टप आंसू गिरने लगे । पिता ने कितना दुख सहा है बेटा समझ गया है ।

बुधवार, 26 अक्तूबर 2011

dadi amma

बिटिया ने कल दिवाली की रात को सुन्दर रंगोली घर के आंगन में बनाई , दादी अम्मां सुबह से रखवाली कर रही हैं मुआ अखबार वाला अखबार फेंकेगाा, कहीं रंगोली न खराब हो ताए । अखबार वाले की छुटी है मैं मां को बता दूंगाा तो दादी का पोती के प्रति स्नेह दिखना बंद हो जाएगाा क्या करूं ?

es diwali

इश्वर इस दिवाली आपको काले धन पर राहुल और सोनिया जैसी चुप्पी....मनमोहन और चिदंबरम जैसा षड्यंत्र करने की बुद्धि.....कनिमोज़ी और राजा जितना धन.....दिग्विजय और राखी सावंत जैसा मुख....और आडवानी जैसा सत्ता पाने की ललक की शक्ति प्रदान करें....हार्दिक शुभ कामनाएं.....साथ ही..ईश्वर आपको इस दीपावली : १) अन्ना जैसा " संसद और संविधान " से ऊपर वाला स्थान दें . २) अरविन्द केजरीवाल की - " खाता न बही , केजरीवाल कहे वो सही " जैसी ताकत दें . ३) किरण बेदी की तरह हवाई यात्रा में ...

सोमवार, 24 अक्तूबर 2011

dum

कालोनी के नुक्कड़ पर जीप आकर थमी । छ पिल्लूरों को दूध पिला रही कुतिया पूंछ हिलाती हुई खड़ी हो गई । पिलूरों ने देखा , नेता बोनट पर चढ कर भाषण देने लगा है ।
तभी कुतों का सरदार वहां आ धमका ,पिलुरों से उसने कहा, नेता को सलाम ठोको ,अपनी बिरादरी का है । पर पिलुरे साफ मना कर गए । कहने लगे,अगर आदमी जात ने देख लिया तो हमारी वफादारी पर षक करने लगेंगे । हमें पिलुरों के लोजिक में दम लगा ।

शनिवार, 22 अक्तूबर 2011

hindi divas

हिन्दी दिवस पर मुख्य अतिथी महोदय ने सभी को षपथ दिलाई कि आज से हम बैंक में अपने साईन हिन्दी में करेंगे, आज से आगे हम फेस बुक पर अपना यूजर नेम,घर की नेम प्लेट आदि हमेषा हिन्दी में ही लिखेंगें ,अपने बच्चों को अंग्रेजी के साथ साथ हिन्दी भी पढाएंगे । हाल तालियों से गूंज उठा । जलपान के लिए सब आफिस में आ गए । हमारा परिचय मुख्य अतिथी महोदय से पहले से ही था । हमने कहा , हम आप के आत्मीयता से भरे लैक्चर से बड़े प्रभावित हुए । हमने षपथ भी ले ली है । आपका बेटा आजकल क्या कर रहा है ? वे खुष होकर बोले, विदेष में पढा है ,कमप्यूटर की पढाई की है । रिष्ता करना चाह रहा हूं उसका , योग्य कन्या नजर में हो तो बताना । इंगलिष एम ए ही चाहिए, वे एक ही सांस में सब कुछ कह गए ।

बुधवार, 19 अक्तूबर 2011

kaj

काज ,,,,,,,,,यानि किसी के मरने पर शौक प्रकट करके जलेबी खाना ।

शनिवार, 15 अक्तूबर 2011

Pagal

मैं पागल न होते हुए भी वहां चला जाता हूं । इस रविवार को गया तो रवि कोदेख कर दंग रह गया । क्या बात है भाई ? वह एक किताब पढ रहा था । क्या करूं सर धर में परेशान कर के रखा है । पिता चाहते हैं खानदानी बिजनैस संभलूं । मां चाहती है नाना जी जैा नामी ग्रामी वकील बनूं । बड़ी बहन पुलिस अफसर देखना चाहती है और दादा जी फौजी अफसर बनाना चाहते है। मैं पागल हो गया हूं । कोई नहीं जानना चाहता कि मैं क्या चाहता हूं , इसलिए यहां आ गया हूं ।

rath yatra

एक पंचायती फैंसला करने पंचायत में गया हुआ था । लड़का किसी लड़की को भगा ले गया था । वह फैंसला सुनाने ही वाला था कि किसी ने आ कर खबर दी, तेरी छोरी किसी के साथ भाग गई है। आडवानी जी के साथ येदूरपा ने यही किया

गुरुवार, 13 अक्तूबर 2011

Anna

Chalti chaki dekh ke,
Diya kabira royee….
Chalti chaki dekh ke,
Diya kabira royee….



मारा पीटी देख के दिए अन्ना जी रोए
कांग्रेस के जो फंसा साबूत बचा न कोए

रविवार, 9 अक्तूबर 2011

kaua

कौआ
काग ने कोयल के अण्डे अपने घोंसले में देखे तो आग बगूला हो गया । जो पक्षी अपनी औलाद का नहीं वो किसी और का कैसे हो सकता है ? लम्बी उड़ान के बाद एक षीषम के पेड़ पर पापीन कोयल उसे बैठी दिखाई दी । वह बगल की टहनी पर बैठा ही था कि नीचे बैठे युगल की बातों की तरफ ध्यान गया । पत्नी कह रही थी ये मुआ काग कहां से आ गया उड़ओ इसे, अच्छी भली कोयल की आवाज का आनंद ले रहे थे अब ये अपनी कांव कांव से कोयल को उड़ देगा । इंसानों की परख पर उसे तरस आ रहा था । मीठे बोलने वालों की असलियत आदमी ेकब समझेगा ? प्त्थर लगने से पहले ह ी वह उड़ चुका था ।




kaua

कौआ
काग ने कोयल के अण्डे अपने घोंसले में देखे तो आग बगूला हो गया । जो पक्षी अपनी औलाद का नहीं वो किसी और का कैसे हो सकता है ? लम्बी उड़ान के बाद एक षीषम के पेड़ पर पापीन कोयल उसे बैठी दिखाई दी । वह बगल की टहनी पर बैठा ही था कि नीचे बैठे युगल की बातों की तरफ ध्यान गया । पत्नी कह रही थी ये मुआ काग कहां से आ गया उड़ओ इसे, अच्छी भली कोयल की आवाज का आनंद ले रहे थे अब ये अपनी कांव कांव से कोयल को उड़ देगा । इंसानों की परख पर उसे तरस आ रहा था । मीठे बोलने वालों की असलियत आदमी ेकब समझेगा ? प्त्थर लगने से पहले ह ी वह उड़ चुका था ।




http://drved.blogspot.com/

nineed

नींद
साढे चार साल का बेटा आर्यन, मम्मी पापा कम्पनी में काम करते है । छोटा परिवार सुखी परिवार ,पर सिर्फ कहने के लिए । नन्हे आर्यन को सुबह छ बजे ही बिस्तर से उठाया जाता है । आंखे मल रहा होता है तो नहला दिया जाता है । कपड़े पहना उसे साढे छ बजे स्कूल बस में चढा दिया जाता है । फिर पति पत्नी दो घंटे दुबारा से नींद का मजा साढे आठ बजे तक उठाते हैं । उधर आर्यन उंघता भी है तो मैम पकड़ कर झिंझोड़ देती है । सुखी कौन है समझ नहीं आ रहा ।

शनिवार, 8 अक्तूबर 2011

kameej

नन्हें ने रो रो कर बुरा हाल कर रखा है । सुबह से रो रहा है । मुझे नया कमीज पहनना है । पत्नी के सब्र का बांध भी टूट गया । सात साल के बच्चे को त्योहार पर नए कपड़े तक नहीं दिला सकते तो पैदा ही क्यों किया था ? झोपड़ पटटी के सामने बहुमंजिली इमारत में अमीर लोग रहते हैं । पांचवी मंजिल के खन्ना साहब से उंची उंची आवाजें आ रही हैं । मेरे पास सुबह सुबह वक्त बिल्कुल वक्त नहीं होता दफतर से रामू की डयूटी क्यों नहीं लगा देते आकर यषू को कपड़े पहना दिया करेगा ।

kameej

नन्हें ने रो रो कर बुरा हाल कर रखा है । सुबह से रो रहा है । मुझे नया कमीज पहनना है । पत्नी के सब्र का बांध भी टूट गया । सात साल के बच्चे को त्योहार पर नए कपड़े तक नहीं दिला सकते तो पैदा ही क्यों किया था ? झोपड़ पटटी के सामने बहुमंजिली इमारत में अमीर लोग रहते हैं । पांचवी मंजिल के खन्ना साहब से उंची उंची आवाजें आ रही हैं । मेरे पास सुबह सुबह वक्त बिल्कुल वक्त नहीं होता दफतर से रामू की डयूटी क्यों नहीं लगा देते आकर यषू को कपड़े पहना दिया करेगा ।

बुधवार, 5 अक्तूबर 2011

मां जी को स्कूल से रिटायर हुए चार दिन हुए हैं । बहू रेखा को आराम हो गया है । बच्चे दादी के पास दिन भर खेलते रहते हैं । सुनो जी, मां को किसी प्राइवेट स्कूल में नौकरी ज्वाइन क्यो नहीं करवा देते, चार पैसे धर में आऐंगें , बच्चों के काम आऐंगें । अभी जवान पड़ी हैं बेकार चारपाई तोड़ेगीं । डार्लिग धर पर आराम करने के लिए मैं हंू ना, पत्नी ने गले में बाहें डाल कर कहा तो मां का लाडला जल भुन कर रह गया ।

रविवार, 2 अक्तूबर 2011

maa

मां जी को स्कूल से रिटायर हुए चार दिन हुए हैं । बहू रेखा को आराम हो गया है । बच्चे दादी के पास दिन भर खेलते रहते हैं । सुनो जी, मां को किसी प्राइवेट स्कूल में नौकरी ज्वाइन क्यो नहीं करवा देते, चार पैसे धर में आऐंगें , बच्चों के काम आऐंगें । अभी जवान पड़ी हैं बेकार चारपाई तोड़ेगीं । डार्लिग धर पर आराम करने के लिए मैं हंू ना, पत्नी ने गले में बाहें डाल कर कहा तो मां का लाडला जल भुन कर रह गया ।