बुधवार, 5 अक्तूबर 2011
मां जी को स्कूल से रिटायर हुए चार दिन हुए हैं । बहू रेखा को आराम हो गया है । बच्चे दादी के पास दिन भर खेलते रहते हैं । सुनो जी, मां को किसी प्राइवेट स्कूल में नौकरी ज्वाइन क्यो नहीं करवा देते, चार पैसे धर में आऐंगें , बच्चों के काम आऐंगें । अभी जवान पड़ी हैं बेकार चारपाई तोड़ेगीं । डार्लिग धर पर आराम करने के लिए मैं हंू ना, पत्नी ने गले में बाहें डाल कर कहा तो मां का लाडला जल भुन कर रह गया ।
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सटीक यथार्थ युग बोध और आज की विवशता .पति की बेचारगी .
जवाब देंहटाएंthank u sir
जवाब देंहटाएंwahhhhhhhhhhhh shyoran ji bahut khoob.mn ki peeda ko or mrm ke beshik ko bkhoobi drsaaya h aapne
जवाब देंहटाएंThamks a lot sir for visiting my blog
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