गुरुवार, 10 नवंबर 2011

jhaaat

झात सा मुहं किब हुया करै ? एक इडी उम्र का माणस स्टेज पै चुटकला सुणाव था । एक बोल्याा ,,,,रै वाह ताउ,,,,,,,,, मैं लेरा ताउ नही फूफा लागु सूं ,,,,,,,,,,,बोलणिए का मुहं झात सा हो ग्या

1 टिप्पणी:

  1. ठेठ हरयाणवी अंदाज़ भाषा का अपना लहजा संस्कार .हर लफ्ज़ गुलाब की महक लिए होता है सुनो ताऊ -लहजे से उसे तलवार मत बनाओ .

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