गुरुवार, 15 नवंबर 2018

रिजेक्ट,,,,,लघुकथा


रिजेक्ट

आजकल नौकरी लगा हुआ लड़का मिलता कहा है । सरकारी नौकरी का तो मिलता ही नहीं । सुजाता गावँ की पहली बेटी है जिसने एम एस सी के बाद कर  नेट किया । और अब तो उसका सिलेक्शन कॉलेज में बतौर प्रोफेसर भी हो गया है । पिता को किसी ने बताया एक लड़का है मेरी नजर में, पर बड़ा नकचढ़ा है । दसियों लड़कियां रिजेक्ट कर चुका है ।  लड़के राहुल का पिता बी डी ओ था, इलाके का शायद ही कोई गांव छोड़ रखा हो जिसके ग्रांट उसने न खाई हो । बेटा सरकारी एस डी ओ लगा हुआ है । संपर्क साधा गया । देखने में राहुल अच्छा लगा । बात हो गई । बेटी पसंद भी आ गई । सगाई हो गई । हफ्ता ही हुआ था कि बिटिया ने आकर घोषणा की, मैं राहुल से शादी नहीं करूंगी । क्यों बेटा क्या कमी है  ? पापा मैं यह इसलिए कर रही हूं ताकि उसे पता चले किसी लड़की के रिजेक्ट होने पर उसपर क्या गुजरती है ।सगाई टूटे हुए लड़के की दोबारा काफी दिनों तक रिश्ता नहीं होगा तो कुछ अक्ल ठिकाने आएगी । ठीक है बेटी, मैं लड़के लाता रहूंगा और तू रिजेक्ट करती रह ।

डॉ वेद प्रकाश श्योराण पूर्व प्राचार्य 251 सेक्टर 14 रोहतक 124001

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें