रविवार, 26 फ़रवरी 2012

Jindgi

3 टिप्‍पणियां:

  1. आधुनिक भाव बोध को बींधती है 'माँ 'हाँ बेटा वह कौवा है .हम कहतें हैं सठिया गई माँ .अल्जाइ -मार्स की चपेट में आ गई ,इलाज़ करा मेरा सिर मत खा ..

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  2. भैया बड़ा घमासान है ,आरक्षण पर ,

    कोई कायदा क़ानून है ,आरक्षण पर ?
    होली मुबारक .

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  3. नेत्र दान ,महा- दान ,मरने के बाद भी देखो दुनिया को किसी और के दिमाग से ,मजे लो ज़िन्दगी के ...कैसे हो वेद भाई मैं यहाँ कैंटन में नवम्बर प्रथम सप्ताह तक हूँ .
    ram ram bhai
    मंगलवार, 7 अगस्त 2012
    भौतिक और भावजगत(मनो -शरीर ) की सेहत भी जुडी है आपकी रीढ़ से

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